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Anjali finds her 'rhythm'! :)

11/10/2022

1 Comment

 
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संगीत में कुछ तो बात है, कि मन अच्छा हो और जी खोल के नाचने का माहौल हो तो सारा दुःख हल्का कर दे। मुझे संगीत सुनना हमेशा से बहुत पसंद है। और दोस्तों के साथ जन्मदिन  पर मैं नाच भी लेती थी, पर ज़्यादा सिर्फ़ फ़िल्मी गीतों पर ही।

और फिर आया हमारे स्वतंत्र तालीम का चौथा जन्मदिन, जब हम सभी ने सोचा की हम धूम-धाम से इसे मनाएँगे। संगीत, नाटक, नाच-गाना, क़िस्से-कहानियाँ सब होंगे! जहां एक तरफ़ बहुत से लोग स्टेज प्ले यानी नाटक का हिस्सा थे, रिद्धि दीदी ने मुझे आइडिया दिया कि क्यूँ ना मैं इस बार एक पर्फ़ॉर्मन्स देना तय करूँ, वो भी क्लासिकल! कथक! मुझे लगा मैं कर भी पाऊँगी या नहीं, और कहीं मैं कथक करती हुई अटपटी ना लगूँ। मगर एक वो दिन था, एक आज का दिन है। मैं कथक से अब तक जुड़ी हुई हूँ, और निरंतर सीखती-सिखाती आ रही हूँ। बच्चों को सिखाने, उनके साथ कथक करने से मैं अपनी कला और रियाज़ दोनो को और पक्का भी कर पाती हूँ।

मैने अपना पहला सेशन k.k. academy ke क्लास 5 और क्लास 6 के बच्चो के साथ लिया। शुरू में थोड़ी सी घबराहट ज़रूर हुई क्यूँकि मैं पहली बार कथक सीखने के बजाए सिखाने गयी थी। मैंने शुरुरात उन्हें कथक का इतिहास बताते हुए, कथक के सबसे बड़े गुरु, और इस कला के अनेक घरानों के बारे में बताने से करी। वह सब इतने ध्यान से मेरी बात सुन रहे थे, कि मेरे अंदर हिम्मत आ गयी। सबसे पहले मैंने उन्हें मुद्राएँ समझायीं, दिखायीं, और उनकी मेकिंग करवाई जो बच्चे बहुत अच्छे तरीके से किया। उन्होंने तो सारी मुद्राओं के नाम भी याद कर लिए थे जो सबसे बड़ी बात थी।

इसके बाद हमने थोड़ी सी मेकिंग भी की! और बच्चों ने उसे खूब एंजोय किया। हाथों को आकार देना, उन पर टेप लगाना, और मुद्राओं के शेप में लाकर उन्हें पेपर में ढालना - हर एक प्रक्रिया मजेयदार रही। मैं अचंभित इस बात से नहीं थी कि बच्चे इतने समझदार हैं, पर मैं अचंभित इस बात से थी कि मैं उन्हें कुछ नया सिखा पा रही थी! सच कहूँ तो कथक मुझे शौक़ से बढ़कर लगता है। जब अकेले में मैं खुद के लिए नाचती हूँ, या अपने कथक के स्टेप्स प्रैक्टिस करती हूँ, नए गीतों पर उन्हें ढालती हूँ, तो मुझे बहुत सुकून मिलता है। मगर वो सुकून एक तरफ़, और बच्चों को इस कला से रूबरू करा पाने का सुकून एक तरफ़!

उम्मीद करती हूँ कि मुझे और भी बहुत सी चीजें सीखने मिलें, जिन्हें मैंने आगे बच्चों को भी सिखा पाऊँ। और मैं हमेशा यूँ ही अपने अंदर, और अपने आस-पास की दुनिया में भी संगीत और कथक के ढेरों रंग भर्ती रहूँ!
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1 Comment
Pranjali link
5/17/2024 11:19:21 am

This is just too beautiful 🌺
My love and hugs to Anjali and to the most beautiful team of Swatantra Talim 💙

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